एकार्थी शब्द
1. एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द
2. अस्त्र- जो हथियार हाथ से फेंककर चलाया जाए। जैसे-बाण।
3. शस्त्र- जो हथियार हाथ में पकड़े-पकड़े चलाया जाए। जैसे-कृपाण।
4. अलौकिक- जो इस जगत में कठिनाई से प्राप्त हो। लोकोत्तर।
5. अस्वाभाविक- जो मानव स्वभाव के विपरीत हो।
6. असाधारण- सांसारिक होकर भी अधिकता से न मिले। विशेष।
7. अमूल्य- जो चीज मूल्य देकर भी प्राप्त न हो सके।
8. बहुमूल्य- जिस चीज का बहुत मूल्य देना पड़ा।
9. आनंद- खुशी का स्थायी और गंभीर भाव।
10. आह्लाद- क्षणिक एवं तीव्र आनंद।
11. उल्लास- सुख-प्राप्ति की अल्पकालिक क्रिया, उमंग।
12. प्रसन्नता-साधारण आनंद का भाव।
13. ईर्ष्या- दूसरे की उन्नति को सहन न कर सकना।
14. डाह-ईर्ष्यायुक्त जलन।
15. द्वेष- शत्रुता का भाव।
16. स्पर्धा- दूसरों की उन्नति देखकर स्वयं उन्नति करने का प्रयास करना।
17. अपराध- सामाजिक एवं सरकारी कानून का उल्लंघन।
18. पाप- नैतिक एवं धार्मिक नियमों को तोड़ना।
19. अनुनय-किसी बात पर सहमत होने की प्रार्थना।
20. विनय- अनुशासन एवं शिष्टतापूर्ण निवेदन।
21. आवेदन-योग्यतानुसार किसी पद के लिए कथन द्वारा प्रस्तुत होना।
22. प्रार्थना- किसी कार्य-सिद्धि के लिए विनम्रतापूर्ण कथन।
23. आज्ञा-बड़ों का छोटों को कुछ करने के लिए आदेश।
24. अनुमति-प्रार्थना करने पर बड़ों द्वारा दी गई सहमति।
25. इच्छा- किसी वस्तु को चाहना।
26. उत्कंठा- प्रतीक्षायुक्त प्राप्ति की तीव्र इच्छा।
27. आशा-प्राप्ति की संभावना के साथ इच्छा का समन्वय।
28. स्पृहा-उत्कृष्ट इच्छा।
29. सुंदर- आकर्षक वस्तु।
30. चारु- पवित्र और सुंदर वस्तु।
31. रुचिर-सुरुचि जाग्रत करने वाली सुंदर वस्तु।
32. मनोहर- मन को लुभाने वाली वस्तु।
33. मित्र- समवयस्क, जो अपने प्रति प्यार रखता हो।
34. सखा-साथ रहने वाला समवयस्क।
35. सगा-आत्मीयता रखने वाला।
36. सुहृदय-सुंदर हृदय वाला, जिसका व्यवहार अच्छा हो।
37. अंतःकरण- मन, चित्त, बुद्धि, और अहंकार की समष्टि।
38. चित्त- स्मृति, विस्मृति, स्वप्न आदि गुणधारी चित्त।
39. मन- सुख-दुख की अनुभूति करने वाला।
40. महिला- कुलीन घराने की स्त्री।
41. पत्नी- अपनी विवाहित स्त्री।
42. स्त्री- नारी जाति की बोधक।
43. नमस्ते- समान अवस्था वालो को अभिवादन।
44. नमस्कार- समान अवस्था वालों को अभिवादन।
45. प्रणाम- अपने से बड़ों को अभिवादन।
46. अभिवादन- सम्माननीय व्यक्ति को हाथ जोड़ना।
47. अनुज- छोटा भाई।
48. अग्रज- बड़ा भाई।
49. भाई- छोटे-बड़े दोनों के लिए।
50. स्वागत- किसी के आगमन पर सम्मान।
51. अभिनंदन- अपने से बड़ों का विधिवत सम्मान।
52. अहंकार- अपने गुणों पर घमंड करना।
53. अभिमान- अपने को बड़ा और दूसरे को छोटा समझना।
54. दंभ- अयोग्य होते हुए भी अभिमान करना।
55. मंत्रणा- गोपनीय रूप से परामर्श करना।
56. परामर्श- पूर्णतया किसी विषय पर विचार-विमर्श कर मत प्रकट करना।
3. शस्त्र- जो हथियार हाथ में पकड़े-पकड़े चलाया जाए। जैसे-कृपाण।
4. अलौकिक- जो इस जगत में कठिनाई से प्राप्त हो। लोकोत्तर।
5. अस्वाभाविक- जो मानव स्वभाव के विपरीत हो।
6. असाधारण- सांसारिक होकर भी अधिकता से न मिले। विशेष।
7. अमूल्य- जो चीज मूल्य देकर भी प्राप्त न हो सके।
8. बहुमूल्य- जिस चीज का बहुत मूल्य देना पड़ा।
9. आनंद- खुशी का स्थायी और गंभीर भाव।
10. आह्लाद- क्षणिक एवं तीव्र आनंद।
11. उल्लास- सुख-प्राप्ति की अल्पकालिक क्रिया, उमंग।
12. प्रसन्नता-साधारण आनंद का भाव।
13. ईर्ष्या- दूसरे की उन्नति को सहन न कर सकना।
14. डाह-ईर्ष्यायुक्त जलन।
15. द्वेष- शत्रुता का भाव।
16. स्पर्धा- दूसरों की उन्नति देखकर स्वयं उन्नति करने का प्रयास करना।
17. अपराध- सामाजिक एवं सरकारी कानून का उल्लंघन।
18. पाप- नैतिक एवं धार्मिक नियमों को तोड़ना।
19. अनुनय-किसी बात पर सहमत होने की प्रार्थना।
20. विनय- अनुशासन एवं शिष्टतापूर्ण निवेदन।
21. आवेदन-योग्यतानुसार किसी पद के लिए कथन द्वारा प्रस्तुत होना।
22. प्रार्थना- किसी कार्य-सिद्धि के लिए विनम्रतापूर्ण कथन।
23. आज्ञा-बड़ों का छोटों को कुछ करने के लिए आदेश।
24. अनुमति-प्रार्थना करने पर बड़ों द्वारा दी गई सहमति।
25. इच्छा- किसी वस्तु को चाहना।
26. उत्कंठा- प्रतीक्षायुक्त प्राप्ति की तीव्र इच्छा।
27. आशा-प्राप्ति की संभावना के साथ इच्छा का समन्वय।
28. स्पृहा-उत्कृष्ट इच्छा।
29. सुंदर- आकर्षक वस्तु।
30. चारु- पवित्र और सुंदर वस्तु।
31. रुचिर-सुरुचि जाग्रत करने वाली सुंदर वस्तु।
32. मनोहर- मन को लुभाने वाली वस्तु।
33. मित्र- समवयस्क, जो अपने प्रति प्यार रखता हो।
34. सखा-साथ रहने वाला समवयस्क।
35. सगा-आत्मीयता रखने वाला।
36. सुहृदय-सुंदर हृदय वाला, जिसका व्यवहार अच्छा हो।
37. अंतःकरण- मन, चित्त, बुद्धि, और अहंकार की समष्टि।
38. चित्त- स्मृति, विस्मृति, स्वप्न आदि गुणधारी चित्त।
39. मन- सुख-दुख की अनुभूति करने वाला।
40. महिला- कुलीन घराने की स्त्री।
41. पत्नी- अपनी विवाहित स्त्री।
42. स्त्री- नारी जाति की बोधक।
43. नमस्ते- समान अवस्था वालो को अभिवादन।
44. नमस्कार- समान अवस्था वालों को अभिवादन।
45. प्रणाम- अपने से बड़ों को अभिवादन।
46. अभिवादन- सम्माननीय व्यक्ति को हाथ जोड़ना।
47. अनुज- छोटा भाई।
48. अग्रज- बड़ा भाई।
49. भाई- छोटे-बड़े दोनों के लिए।
50. स्वागत- किसी के आगमन पर सम्मान।
51. अभिनंदन- अपने से बड़ों का विधिवत सम्मान।
52. अहंकार- अपने गुणों पर घमंड करना।
53. अभिमान- अपने को बड़ा और दूसरे को छोटा समझना।
54. दंभ- अयोग्य होते हुए भी अभिमान करना।
55. मंत्रणा- गोपनीय रूप से परामर्श करना।
56. परामर्श- पूर्णतया किसी विषय पर विचार-विमर्श कर मत प्रकट करना।
एकार्थी शब्द : अत्यधिक बार पूछे जाने वाले
Reviewed by Shyam
on
March 13, 2018
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